आए दिन सोशल मीडिया (Social media) की बात होती रहती है और ऐसे तो सोशलमीडिया के ऊपर कानून भी बन गया है अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक 29 नम्वर से शुरू होने वाले सत्र में सोशल मीडिया के ऊपर शिकंजा कसने जा रही है जिसके लिए रेगुलेटरी बॉडी बनाने की सिफारिश करेगी।
सोशल मीडिया के भारत में कानून तो बन गया है लेकिन आये दिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अधिकतर ये देखा जाता है जैसे facebook, twiter, instagram पर यूजर के डाटा लीक और डाटा का दरुपयोग साथी ही यूजर की ट्रैकिंग जैसी शिकायते आती है
जब यूजर ब्राउज़र पर कुछ भी सर्च करने जाता है तब उसको सोशल मीडिया के ऊपर वही विज्ञापन दिखाया जाता है
इसी को देखते हुए भारतीय सांसदीय पैनल 29 नंवबर से शुरू होने सांसदीय सत्र में social media platform पर शिकंजा कसने जा रही है इसके लिए रेगुलेटरी बॉडी बनाने की सिफारिश करेगी। इन नियमो को तोड़ने पर कंपनियों को 4 फीसदी तक प्रावधान है अमर उजाला के रिपोर्ट के मुताविक सांसदीय पैनल कहना कि जिस तरह भारतीय मीडिया के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया है ठीक उसी तरह से सोशल मीडिया के लिए भी
रेगुलेटरी बॉडी की जरूरत है।
अमर उजाला के मुताविक केन्द्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री
अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस मे कहा कि आज भी भारत में लिखी हुई बातो को सच मान बैठते है हर दिन सॉइल मीडिया पर तमान ऐसे फर्जी कॉन्टेंट आते हैं जीने पढ़ कर सच मान लेते है
इन सभी के ऊपर रोक लगाने की जरूरत हैं ।

